काव्य गोष्ठी में कवियों ने समा बांधकर बटोरी खूब तालियां

काव्य गोष्ठी में कवियों ने समा बांधकर बटोरी को तालियां

गोरखपुरउपेन्द्र द्विवेदी

भागीरथी सांस्कृतिक मंच के तत्वावधान में गोरखपुर की 744वीं काव्य गोष्ठी का आयोजन शनिवार को संस्था के संयुक्त सचिव कुन्दन वर्मा 'पूरब' के आवास पर आयोजित हुई। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता नारायणी साहित्य अकादमी नई दिल्ली की अध्यक्षा डॉ. पुष्पा सिंह विसेन व संचालन सत्यनारायण 'पथिक' ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत बृजेश राय की वाणी वंदना से हुई। इसके बाद वरिष्ठ कवि हरे कृष्ण पांडेय ने मुक्तक पेश किया। 
अब तो मुंह देख के ताली भी बजाई जाती,
वाह-वाही में भी रंजिश यू निभाई जाती ।
जहां हो फायदा अपना वहां गले मिलना,
नहीं तो पीठ पे छूरी भी चलाई जाती।।
तदुपरांत मंचों के वरिष्ठ कवियत्री डॉक्टर सत्यमवदा शर्मा ने प्रेमगीत पढ़ा।
लिखता है कोई नेह पटल पर चुपके चुपके नाम।
मुझको मीरा प्रेम योगिनी अपने को घनश्याम।।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. पुष्पा सिंह विसेन ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए गीत पढ़ा -
हिंद की बेटी हूं हिंदुस्तान बिखरने नहीं दूंगी।
 मां भारती की कसम अरि को संवरने नहीं दूंगी।।
जिन कवियों ने काव्य पाठ किया उनके नाम है सर्व श्री कुन्दन वर्मा पूरब, बृजेश राय और सत्यनारायण पथिक आदि।
श्रोताओं में पूरे परिवारी जन उपस्थित थे। अंत में कुन्दन वर्मा पूरब ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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