शोभायात्रा में जयश्रीराम के नारे से गुंजायमान हुआ नगर, घर-घर जले घी के दीये
सिद्धार्थनगर/गोरखपुर। (उपेन्द्र द्विवेदी)
सोमवार को नगर बदला हुआ नजर आया। अयोध्या राम जन्मभूमि में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा पर पूरा देश राममय हो गया। क्या अयोध्या क्या काशी , क्या उस्का नगर पंचायत। रामभक्ति में हर कोई लीन नजर आ रहा था। आज उस्का बाजार में ऐसा लग रहा था कि अयोध्या यहीं हो। पूरा नगर राम की भक्ति में डूब सा गया।भक्तों ने घरों में दिन भर पूजा पाठ किया। सुंदरकांड का पाठ आयोजित कर भजन कीर्तन किए। साथ ही शाम को दीपोत्सव मनाया गया। भगवान श्रीराम के जयकारों की ध्वनि ओर चहुं ओर गुंजायमान हो रही थी।
पूरे जिले में शोभा यात्रा, भंडारा, खुशी में झूमते हुए लड्डू बांटकर खुशी मनाते लोग दिखाई पड़ रहे थे। वैसे तो अयोध्या में शिलान्यास व पूजन का समय दिन में 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकेंड निर्धारित था लेकिन राममंदिर को लेकर भक्तों में इस कदर उत्साह था कि सुबह से ही पूजन की तैयारी शुरू हो गई।
दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर लोग स्नान करने के बाद पूजा की थाली लेकर भगवान की पूजा पाठ के लिए बैठ गए। घर के आसपास स्थित मंदिरों में लोगों ने पूजा पाठ किया। जो लोग मंदिर नहीं पहुंच सके, उन्होंने घर को ही देवालय बना लिया।
सुंदरकांड के पाठ की ध्वनि लगभग हर घर से सुनाई दे रही थी। बीच-बीच में घंट, घड़ियाल व शंख की आवाजें भी सुनाई पड़ रही थी। जैसे ही शुभ मुहूर्त लगा, लोगों ने भगवान राम का पूजन किया।
घरों में रामलला के भजन गाए जा रहे थे। घर के सभी सदस्य ढोलक की थाप पर सुंदर भजनों की स्वर-लहरी बिखेरती नजर आ रहे थे। पूरा शहर राम नाम में इस कदर लीन नजर आया जैसे पर अयोध्या यहीं पर हो। हर तरफ जय श्रीराम का उद्घोष सुनाई दिया। शाम हुई तो हर घर में दीपावली की तरह का जश्न दिखाई दिया। लोगों ने भगवान की आरती उतारकर अपने दरवाजे व छतों पर घी के दीये जलाए। प्रतीत हो रहा था कि दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दौरान भक्तों ने प्रसाद का वितरण भी किया। सभी श्रद्धालु एक दूसरे को मिठाई खिलाते हुए नजर आए।
क्या आम, क्या खास हर तरफ सिर्फ जय श्रीराम की गूंज
उस्का बाजार नगर पंचायत भगवान श्रीराम व बजरंगबली की जय के नारे गुंजायमान हो रहा था। नगर के अलग-अलग छोर पर स्थित सभी मंदिरों में दिनभर घंट- घड़ियाल बजते रहे। क्या आम, क्या खास सभी एक धुन में नजर आ रहे थे। सब के हृदय में प्रभु श्री राम बसे हुए थे। माता बहनें हाथ मे आरती की थाल सजाये हुए प्रभु श्रीराम की झांकी की प्रतीक्षा करते हुए नजर आयी।
पूरा नगर जय श्री राम के उद्घोष से गूंज रहा था। जगह-जगह पर भगवान श्रीराम जी के झांकी की आरती उतारी जा रही थी। जिस तरफ से झांकी गुजर रही थी उधर ही माहौल भक्तिमय हो जा रहा था। प्रभु श्रीराम की भक्ति में आज सभी खास और आम एक साथ कीर्तन कर रहे थे। पूरे नगर को भगवा झंडे से सजाया गया था। नगर भगवामय नजर आ रहा था। नए पुल पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा आंखों को बरबस लुभा रहा था।
शोभायात्रा पर प्रशासन की रही पैनी नजर
प्रशासन की तरफ से भी उसका बाजार की शोभायात्रा को विशेष शोभा यात्रा का दर्जा मिला हुआ था। जिस पर प्रशासन की भी पैनी नजर थी। शोभा यात्रा के रूट की मॉनिटरिंग प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही थी। किसी भी अप्रिय घटना से बचने को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था।
हनुमान चालीसा व आरती के साथ शुरू हुई शोभायात्रा
शोभा यात्रा की शुरुआत भगवान श्री गणेश की वंदना से शुरू हुई। इसके बाद हनुमान चालीसा व प्रभु श्रीराम की आरती हुई। नगर के सभी आम व खास लोगों ने प्रभु की आरती उतारी। आरती उतारते हुए सभी श्रद्धालु भक्ति में झूम रहे थे।
इस दौरान सभी श्रद्धालु भगवान श्रीराम के गीत पर भाव-विभोर होकर थिरकते हुए नजर आए। उस्का बाजार नगर पंचायत की शोभायात्रा बंका शिव मंदिर से शुरू हुई। इसके साथ ही पूरब पड़ाव (गांधी चबूतरा) होते हुए शोभा यात्रा रेलवे स्टेशन मार्ग होते हुए पयोहारी आश्रम (श्रीराम-जानकी मंदिर) उस्का राजा पहुंची।
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