पिता के सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात की पढ़ाई
गोरखपुर। (उपेन्द्र द्विवेदी) जिले में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले राज निषाद के पास अभी तक अपना मोबाइल नहीं है। कुछ वर्ष पहले ही राज के पिताजी का देहांत हो गया था। पिता का सपना था कि राज को इंजीनियर बने। मम्मी के मोबाइल से ही वह अपने दोस्तों से बात कर लिया करता है। सोशल मीडिया पर कोई अकाउंट नहीं है। पढ़ाई के लिए जब भी जरूरत होती है तो मम्मी के मोबाइल उसे करता है। उसके मम्मी व घर के सदस्य सहित अन्य लोग प्रेरणास्रोत है। पिता को प्रेरणा स्रोत मानकर हुआ है उनके सपने को पूरा करने के लिए की जान से पढ़ाई करता था। पिता के मृत्यु के बाद विद्यालय ने स्कॉलरशिप देना शुरू किया जहां से उसकी पढ़ाई आगे बढ़ी। राज ने बताया कि पढ़ाई में विद्यालय प्रबंधन का काफी सहयोग मिला। शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए नोट से काफी आसानी हुई है। राज विद्यालय के बाद घर पर 6 से 8 घंटे पढ़ाई करता था। राज की पढ़ाई में उसके दादाजी का बेहद सहयोग रहा है। घर के खर्च चलाने व राज की जरूरतों को पूरा करने के लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत करते थे। उसका सपना वैज्ञानिक बनने का है।वह एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानते हैं।
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