एकेडमिक ग्लोबल स्कूल में धूमधाम से मनाया गया क्रिसमस-डे
- छात्र छात्राओं ने प्रस्तुत किए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम
- मुख्य अतिथि निशिकांत ठाकुर, विशिष्ट अतिथि पूर्णेन्दु शुक्ला, चेयरमैन संजीव कुमार व निदेशक राजेश कुमार ने क्रिसमस-डे पर रखे अपने विचार
गोरखपुर। पादरी बाजार क्षेत्र के जंगल धूषण स्थित एकेडेमिक ग्लोबल स्कूल में शनिवार को धूमधाम से क्रिसमस-डे से मनाया गया। बतौर मुख्य अतिथि न्यायाधीश निशिकांत ठाकुर, विशिष्ट अतिथि पूर्णेन्दु शुक्ला, विद्यालय के चेयरमैन संजीव कुमार, निदेशक राजेश कुमार, सहायक निदेशक संदीप कुमार, सहायक निदेशक करुणा भदानी, प्रधानाचार्य वीस चॉको, एडमिनिस्ट्रेटर आफरोज खान ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विद्यालय की छात्रा छवि सिंह द्वारा उपस्थित लोगों को तिलक लगाकर व आरती उतार कर स्वागत किया गया। इसके बाद विद्यालय के चेयरमैन व निदेशक द्वारा मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
इसके बाद स्कूल स्टाफ ने सेंटा क्लाज बनकर छात्र-छात्राओं को बिस्कुट, चाकलेट आदि वितरित किए। इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें कक्षा दसवीं के छात्र मंथन सिंह द्वारा रश्मिरथी का तृतीय सर्ग पढ़ा गया। कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों या छात्र छात्राओं ने जमकर तालियां बजाई। इसके साथ ही स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। क्रिसमस डे पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया गया। रात में छात्र-छात्राओं द्वारा सामूहिक गीत प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि न्यायाधीश निशिकांत ठाकुर ने कहा कि आज के कार्यक्रम को देखकर मुझे अपने बचपन के दिन याद आ गए। इसी तरह हम लोग भी कार्यक्रम का हिस्सा बनते थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा पढ़ाई बहुत आवश्यक है। इसी के द्वारा आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। अपनी पढ़ाई में कभी भी रुकावट नहीं आने देना चाहिए। सतत प्रयास से ही लक्ष्य प्राप्ति संभव है।
मोटिवेशनल स्पीकर पूर्णेन्दु शुक्ला ने कहा कि छात्रों को अपने लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखकर चलना चाहिए कभी भी लक्ष्य से भटकना नहीं चाहिए लक्ष्य पर केंद्रित होकर ही अर्जित की गई शिक्षा सदैव आपके लिए हितकारी होगी।
विद्यालय के चेयरमैन संजीव कुमार ने कहा कि क्रिसमस-डे से ही बड़े दिन की शुरुआत होती है। क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसंबर को पड़ता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है।
निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। इस तिथि को एक रोमन पर्व से संबंध स्थापित करने के आधार पर चुना गया है।
सहायक निदेशक संदीप कुमार ने कहा कि दुनिया भर के अधिकतर देशों में यह 25 दिसम्बर को मनाया जाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या यानि 24 दिसम्बर को ही जर्मनी तथा कुछ अन्य देशों में इससे जुड़े समारोह शुरु हो जाते हैं।
सहायक निदेशक करुणा भदानी ने कहा कि ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल देशों में क्रिसमस से अगला दिन यानि 26 दिसम्बर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। कुछ कैथोलिक देशों में इसे सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहते हैं।
प्रधानाचार्य वीसी चॉको ने कहा कि आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च 6 जनवरी को क्रिसमस मनाता है। पूर्वी परंपरागत गिरिजा जो जुलियन कैलेंडर को मानता है वो जुलियन वेर्सिओं के अनुसार 25 दिसम्बर को क्रिसमस मनाता है, जो ज्यादा काम में आने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर में 7 जनवरी का दिन होता है क्योंकि इन दोनों कैलेंडरों में 13 दिनों का अंतर होता है।
इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं व कर्मचारी मौजूद रहे।
Comments
Post a Comment