गणतंत्र दिवस पर राज्यमंत्री व कलेक्टर ने शिक्षकों को किया सम्मानित
- एपीसी एमएल पनिका, शिक्षक उपेंद्र द्विवेदी, राजाराम प्रजापति व सत्यभान सिंह हुए सम्मानित
सिंगरौली। (उपेन्द्र द्विवेदी) गणतंत्र दिवस पर लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराने के साथ ही देश भर में झंडा फहराया गया। इसके साथ ही अलग-अलग स्थान पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। सिंगरौली जिले के राजमाता चूनकुमारी स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राधा सिंह ने झंडा फहराकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रगान गाया।
इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह के नेतृत्व में जिलेभर के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा देशभक्ति गीत, नृत्य, नाटिका व भाषण प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा झांकी प्रस्तुत की गई।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, वन विभाग, पुलिस विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, नगर पालिका आदि द्वारा सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई। इन तमाम झांकियों द्वारा जल संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण, प्राकृतिक संपदा संरक्षण, उच्च व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, नारी सुरक्षा, नागरिक सुरक्षा सहित अनेक संदेश दिए गए। इसके बाद जिले भर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों सहित अन्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
शिक्षा क्षेत्र में राज्य स्तरीय उत्कृष्ट प्रदर्शन किए जाने हेतु एपीसी एमएल पनिका, सत्यभान सिंह, उपेन्द्र द्विवेदी व राजाराम प्रजापति सहित अन्य को सम्मानित किया। सम्मान सभा को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह ने कहा कि शिक्षकों की कड़ी लगन व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा द्वारा आज शिक्षा जगत नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। आने वाले समय में सिंगरौली जिला शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग छाप छोड़ेगा।
एपीसी एमएल पनिका ने कहा कि निश्चित तौर पर शिक्षकों की कड़ी मेहनत व लगन का ही यह फल है कि आज हमारे कई प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय शिक्षा क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का सही क्रियान्वयन करते हुए शिक्षा को नई धार दे रहे हैं। सम्मानित हुए शिक्षक उपेंद्र द्विवेदी ने कहा यह सम्मान उन सभी छात्रों को अर्पित है जिन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा। साथ ही विद्यालय के हेडमास्टर, प्राचार्य, संकुल प्राचार्य, जनशिक्षक, बीआरसी, बीइओ, एपीसी व डीईओ सर सहित अन्य सभी सहयोगियों के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन की वजह से संभव हो सका। सभी के प्रयास से ही संसाधन उपलब्ध कराए गए और उन संसाधनों से छात्रों को बेहतर बनाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।
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